Saturday, July 29, 2023

भीड़ और मैं

 किस भीड़ में खोये हो 

किस राह की तलाश है 

किस मंज़र का इंतज़ार है 

ना होगी कोई दस्तक

ना होगी कोई खटक

बस बेगाने कभी अपने ही चलेंगे 

और कभी अपने पराये 

ढूँढो खुद को इस भीड़ मे

तराशो अपना रास्ता 

मोड़ तो बहुत आयेंगे 

पर सन्नाटे में, द्वंद में 

उन अंधेरी तन्हा गलियों में 

हमेशा अकेले ही ख़ुद तो पाओगे

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